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अन्नमय्य कीर्तन सुव्वि सुव्वि सुव्वालम्म

सुव्वि सुव्वि सुव्वालम्मा
नव्वुचु देवकि नन्दनु गनिये ॥

शशि वोडचे अलसम्बुलु गदचे
दिश देवतल दिगुल्लु विडचे ॥

काविरि विरसे कंसुडु गिनिसे
वाविरि पुव्वुल वानलु गुरिसे ॥

गति सेसे अटु गाडिद गूसे
कुतिलकुडिचि जनकुडु नोरु मूसे ॥

गगुरु पोडिचे लोकमु विधि विडिचे
मोगुलु गुरियग यमुनपै नदचे ॥

कलिजारे वेङ्कटपति मीरे
अलमेल्मङ्ग नाञ्चारम्मकलुकलु तीरे ॥